ईरान और इजरायल युद्ध में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुविधा में फंसे हैं। इजरायल में भारी तबाही के बाद भी वे युद्ध में शामिल होने का फैसला नहीं ले पा रहे हैं। इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक-दूसरे से फोन पर बात की और अमेरिका को सीधा संदेश भेजा है। बता दें कि ईरान और इजरायल के बीच 8वें दिन जंग जारी है। इजरायल पर ईरान के ताजा हमले में 17 लोग घायल हैं। इनमें से तीन की हालत नाजुक है। उधर, इजरायल लगातार ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर तबाही मचा रहा है।
इजरायल के खिलाफ चीन और रूस लामबंद
माना जा रहा है कि रूस और चीन ने अमेरिका के खिलाफ मध्य पूर्व में लामबंदी शुरू कर दी है। अगर इजरायल के साथ खुलकर अमेरिका आता है तो चीन व रूस का समर्थन ईरान को मिलना तय है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने आपसी बातचीत में ईरान पर इजरायल के हमले की निंदा की और यह भी कहा कि अटैक संयुक्त राष्ट्र चार्टर व अंतरराष्ट्रीय कानून का घोर उल्लंघन है।
जिनपिंग ने ट्रंप पर साधा निशाना
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इजरायल से संयम बरतने की अपील की। उन्होंने इजरायल से संघर्ष विराम करने का भी आग्रह किया। हालांकि शी जिनपिंग ने खुलकर इजरायल की निंदा नहीं की। मगर इशारों-इशारों में जिनपिंग ने ट्रंप पर निशाना साधा और कहा कि युद्ध में शामिल दोनों को उन शक्तियों को रोकना चाहिए, जिनका उन पर प्रभाव है। बता दें कि ट्रंप ने संयम को कम कराने की जगह भड़काने का विकल्प चुना है। चीन लगातार अमेरिका पर मध्य पूर्व को अस्थिर करने का आरोप लगाता है। अब ईरान संकट के बहाने खुलकर चीन अपने नैरेटिव को गढ़ने में जुटा है।
चीन पहुंचा रहा सैन्य मदद!
इजरायल और ईरान संघर्ष के बीच बड़ी खबर यह आ रही है कि चीन से तीन कार्गो विमान तेहरान पहुंचे हैं। अब सवाल उठने लगा है कि क्या इजरायल के खिलाफ चीन खुलकर ईरान को हथियार भेजने में जुटा है। कुछ दिन पहले तेहरान में चीन से आए तीन बोइंग 747 कार्गो विमान उतरे। बता दें कि बोइंग 747 का इस्तेमाल भारी भरकर सैन्य उपकरणों को लाने और ले जाने में किया जाता है।
- पहला विमान: 14 जून को पहला विमान चीन से ईरान पहुंचा।
- दूसरा विमान: 15 जून को दूसरा विमान तेहरान में उतरा।
- तीसरा विमान: तीसरा विमान सोमवा यानी 16 जून को पहुंचा