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कितनी है सुखोई- 35 फाइटर प्लेन की ताकत, ईरान ने क्यों खरीदा, इससे इजरायल को क्या खतरा?

रूस का सुखोई- 35 फाइटर जेट विमान। फोटो क्रेडिट- Tass

जीएनआई, तेहरान: ईरान ने रूस से सुखोई-35 विमानों की खरीद की है। उसने पहली बार इसका खुलासा किया है। इजरायल से साथ तनातनी के बाद से ही रूस और ईरान के बीच सैन्य सहयोग तेजी से बढ़ने लगे हैं। ईरान के क्रांतिकारी गार्ड कमांडर अली शादमानी ने कहा कि ईरान ने रूस से सुखोई 35 की खरीद की है। उन्होंने खुले तौर पर इजरायल को धमकी भी दी। उन्होंने कहा कि अगर हमारे दुश्मन ने कोई गलत काम किया तो उसे हमारी मिसाइल हमले का सामना करना पड़ेगा। हालांकि इस बीच रूस ने ईरान को विमान बेचने के सवाल टिप्पणी करने से मना कर दिया।

इजरायल से है मुकाबला

ईरान की एयरफोर्स इतनी मजबूत नहीं है कि वह इजरायल का सामना कर सके। इजरायल के पास बेहद घातक हथियार के साथ-साथ लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम विमान हैं। मगर ईरान के पास कुछ ही स्ट्राइक विमान हैं। इसमें रूसी फाइटर प्लेन के अलावा पुराने अमेरिकी जहाज भी शामिल हैं। इन जहाजों को 1979 में इस्लामी क्रांति से पहले खरीदा गया था।

रूस का सुखोई- 35 फाइटर जेट विमान। फोटो क्रेडिट- Tass

इसलिए ईरान खरीद रहा सुखोई-35

ईरान से इजरायल की दूरी लगभग दो हजार किलोमीटर है। ऐसे में सुखोई- 35 से ईरान एक बार में सीधे इजरायल तक हमला करने में सक्षम हो जाएगा, क्योंकि यह विमान 3600 किमी तक की दूरी तय कर सकता है। अगर ईराक के आसपास स्थित अपने एयरबेस से ईरान इन विमानों को उड़ाता है तो वह इजरायल पर हमला करने एक ही बार में लौट सकते हैं। रास्ते में इन्हें ईंधन भरने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।

सुखोई-35 के बारे में जानें

सुखोई-35 चौथे पीढ़ी प्लस का उन्नत विमान है। हवाई हमलों के अलावा इसका इस्तेमाल कई कामों में किया जा सकता है। यह लड़ाकू विमान लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम है। इसका निर्माण रूस की सुखोई डिजाइन ब्यूरो करता है। कंपोजिट मटेरियल से बना प्लेन का एयरफ्रेस मजबूत और हल्का है।

रूस का सुखोई- 35 फाइटर जेट विमान। फोटो क्रेडिट- Tass

विमान को आधुनिक नेविगेशन और कंट्रोल सिस्टम से लैस किया गया है। प्लेन के पंख डेल्टा विंग डिजाइन के हैं और इसमें ग्लास कॉकपिट है। खास बात यह है कि सुखाई-35 रूसी विमान सुखाई-27 का ही एक अपग्रेटेड वर्जन है।

2500 किमी की है रफ्तार

प्लेन में दो टर्बोफैन इंजन लगे हैं। एक इंजन 14,500 किलोग्राम का थ्रस्ट पैदा करता है। अगर इसकी रफ्तार की बात करें तो प्लेन 2500 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम है। एक बार में बिना फ्यूल टैंक के प्लेन अधिकतम 3600 किमी की दूरी तय कर सकता है।

घातक रडार सिस्टम

अमेरिकी फाइटर प्लेन एफ-22 रैप्टर, यूरोफाइटर टाइफून और एफ-35 लाइटनिंग से सुखोई-35 की तुलना की जाती है। मौजूदा समय में रूस की वायुसेना सुखोई-35 विमानों का इस्तेमाल करती है। चीन और अल्जीरिया के पास भी ये विमान हैं। प्लेन में एक खास रडार सिस्टम लगा है। यह 400 किमी तक के दायरे में अपने लक्ष्य को ट्रैक करने में सक्षम है। अपने उन्नत इलेक्ट्रॉनिक काउंटरमेजर से सुखाई-35 अपने दुश्मन के रडार और मिसाइलों को चकमा दे सकता है।

इन मिसाइलों से है लैस

सुखाई-35 से हवा से जमीन और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें दागी जा सकती है। इससे एंटी-शिप मिसाइल भी छोड़ी जा सकती हैं। प्लेन गाइडेड और अनगाइडेड बम से हमला करने में सक्षम है।

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